लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह के बुत को नुकसान पहुंचाने का प्रयास, ईश निंदा के तहत मामला दर्ज

अमृतसर(पंजाब)
महाराजा रणजीत सिंह का बुत
महाराजा रणजीत सिंह का बुत
शेरे-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की 180वीं बरसी पर 27 जून को किला लाहौर में स्थापित किए गए उनके आदमकद बुत को दो शरारती तत्वों ने नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। किले में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों ने इन्हें पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।

किले का प्रबंध देखने वाले उच्च अधिकारी फकीर सैफुद्दीन की शिकायत पर संबंधित थाना ने दोनों आरोपियों के खिलाफ ईश निंदा कानून के अंतर्गत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी मौलाना करीम रिजवी के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लबेक के साथ जुड़े हुए हैं।

पाकिस्तान में स्थित सिख ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के अस्थानों की जानकारी देने वाले इतिहासकार बाबा ने जारी किए एक वीडियो में बताया है कि महाराजा रणजीत सिंह का बुत बिल्कुल सुरक्षित है।किले में स्थित इस बुत के नजदीक खड़े होकर तैयार किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा कि शरारती तत्वों द्वारा किए गए सभी प्रयास असफल कर दिए गए हैं। इस घटना के बाद किले के अधिकारियों ने बारिश के कारण तांबे व अन्य धातुओं से बने इस बुत पर जमी काई को साफ करवाने का काम शुरू कर दिया है।

फकीर सैफुद्दीन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि पाकिस्तान में स्थित खालसा राज की धरोहरों को संभालना पाकिस्तान सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने दुनिया भर के सिखों से अपील की कि वह इस बुत के बारे में फैल रही अफवाहों पर ध्यान न दें। बुत पूरी तरह सुरक्षित है।

याद रहे कि सिख हेरिटेज फाउंडेशन के अध्यक्ष बॉबी सिंह बंसल ने इस बुत को आठ महीने में तैयार करवाया था। 330 किलोग्राम वजन वाली आठ फुट ऊंची प्रतिमा में उन्हें अपने पसंदीदा घोड़े ‘कहार बहार’ पर बैठाया गया है।

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